इलेक्टोरल बॉन्ड पर एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, कल तक जानकारी देनी होगी
सोमवार, 11 मार्च 2024
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी साझा करने की समय सीमा 30 जून 2024 तक बढ़ाने की एसबीआई की मांग ख़ारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा है कि वह मंगलवार, 12 मार्च 2024 तक इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी दे।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि वे सारी सूचनाएं इकट्ठा करके चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर 15 मार्च 2024 की शाम पांच बज़े तक सार्वजनिक करें।
एसबीआई ने 5 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने के लिए उसे 30 जून 2024 तक का समय दिया जाए।
इस पर चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पाँच सदस्यों वाली पीठ ने सोमवार, 11 मार्च 2024 को ये फ़ैसला दिया है।
बेंच की अगुवाई चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। उनके साथ इस पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फ़रवरी 2024 को हुई सुनवाई के दौरान इलेक्टोरल बॉन्ड्स को असंवैधानिक करार देते हुए एसबीआई को इससे जुड़ी सभी जानकारियां छह मार्च 2024 तक चुनाव आयोग को देने के लिए कहा था।
इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की अर्ज़ी ठुकराई, प्रशांत भूषण ने क्या कहा?
सोमवार, 11 मार्च 2024
इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी साझा करने की समय सीमा 30 जून 2024 तक बढ़ाने की एसबीआई की मांग ख़ारिज होने के बाद जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है।
प्रशांत भूषण ने कहा कि इस मामले पर अदालत के पहले के फ़ैसले की तरह यह बढ़िया और ठोस फ़ैसला है।
प्रशांत भूषण ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ओर से एसबीआई पर अदालत की अवमानना का मामला दायर किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा, "चुनावी बॉन्ड ख़रीदकर दान देने वालों और इन बॉन्ड को भुनाने वालों से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की समय सीमा 30 जून 2024 तक बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख़ अपनाया है।''
प्रशांत भूषण ने कहा, "अदालत ने एसबीआई की याचिका ख़ारिज कर दी और ज़िक्र किया कि अदालत ने जो आंकड़ें उनसे मांगे थे, वो एसबीआई के पास पहले से उपलब्ध हैं।''
इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट से एसबीआई को और समय न मिलने पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने क्या कहा?
सोमवार, 11 मार्च 2024
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट से एसबीआई को और समय न दिए जाने के फ़ैसले का कांग्रेस पार्टी ने स्वागत किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र में बराबरी के मौके़ की जीत है।
एसबीआई ने एक अर्ज़ी देकर सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी दिए जाने की समय-सीमा बढ़ाकर 30 जून 2024 कर दी जाए।
सोमवार, 11 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने ये अर्ज़ी ख़ारिज करते हुए एसबीआई को कल यानी मंगलवार, 12 मार्च 2024 तक जानकारी देने का आदेश दिया है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये जानकारी 15 मार्च 2024 की शाम पाँच बजे तक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड हो जानी चाहिए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फ़ैसले पर कहा, "इलेक्टोरल बॉन्ड प्रकाशित करने के लिए एसबीआई द्वारा साढ़े चार महीने मांगने के बाद साफ़ हो गया था कि मोदी सरकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की हरसंभव कोशिश कर रही है। आज के माननीय सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से देश को जल्द इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा को चंदा देने वालों की लिस्ट पता चलेगी।''
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, घपलों और लेन-देन की कलई खुलने की ये पहली सीढ़ी है। अब भी देश को ये नहीं पता चलेगा कि भाजपा के चुनिंदा पूंजीपति चंदाधारक किस-किस ठेके के लिए मोदी सरकार को चंदा देते थे, उसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट को उचित निर्देश देने चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स से ये तो उजागर हुआ ही है कि भाजपा किस तरह ईडी-सीबीआई-आईटी रेड डलवाकर जबरन चंदा वसूलती थी। सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र में बराबरी के मौके की जीत है।''
राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई की अर्ज़ी ठुकराए जाने पर क्या कहा?
सोमवार, 11 मार्च 2024
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद कहा है कि 'नरेंद्र मोदी के चंदे के धंधे की पोल खुलने वाली है।'
राहुल ने एक्स पर लिखा, "100 दिन में स्विस बैंक से काला धन लाने का वायदा कर सत्ता में आई सरकार अपने ही बैंक का डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिर के बल खड़ी हो गई।''
राहुल गांधी ने कहा, "इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है, जो भ्रष्ट उद्योगपतियों और सरकार के नेक्सस की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लेकर आएगा।''
"क्रोनोलॉजी स्पष्ट है- चंदा दो-धंधा लो, चंदा दो-प्रोटेक्शन लो। चंदा देने वालों पर कृपा की बौछार और आम जनता पर टैक्स की मार, यही है भाजपा की मोदी सरकार।''
सोमवार, 11 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून 2024 तक का समय मांगने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को कहा है कि वह 12 मार्च 2024 तक इसकी जानकारी दे।