झारखंड में स्थानीय की परिभाषा विधेयक- 2022 और 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण को मंज़ूरी
वृहस्पतिवार, 15 सितम्बर, 2022 आई बी टी एन खबर ब्यूरो
बुधवार, 14 सितंबर, 2022
भारत के राज्य झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर चुनाव आयोग के कथित मशविरे को लेकर राजभवन की चुप्पी के बीच झारखंड सरकार ने 14 सितंबर, 2022 को हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फ़ैसले लिये।
झारखण्ड के लोगों की सालों पुरानी मांग मानते हुए हेमंत सोरेन की कैबिनेट ने झारखंड में स्थानीय की परिभाषा विधेयक- 2022 को मंज़ूरी दी है।
इसके तहत उन लोगों को झारखंड का स्थायी निवासी माना गया है, जिनके पूर्वज साल 1932 में हुए अंतिम सर्वे सेटलमेंट के वक्त झारखंड इलाक़े में रहते थे।
खतियानी
सामान्य शब्दों में इन्हें 1932 का खतियानी कहा जाता है। यह मांग झारखंड के आदिवासी-मूलवासी लंबे वक्त से कर रहे थे। इसको लेकर कई आंदोलन भी होते रहे हैं।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार जनता की सरकार है और सबके भलाई के लिए काम करती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ''हमारी सरकार ने 1932 के खतियान को लागू करने का फ़ैसला किया है। हम ओबीसी आरक्षण बढ़ा रहे हैं।कर्मचारियों के लिए निर्णय ले रहे हैं, क्योंकि हम काम में विश्वास रखते हैं।'' कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद ये फ़ैसले सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गए हैं।
झारखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके अलावा अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का फ़ैसला भी कैबिनेट ने लिया है।
यह प्रस्ताव भी नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा। यह मांग भी काफ़ी पुरानी थी। इसके साथ ही झारखण्ड के स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील में अब 5 दिन अंडा देने का भी निर्णय कैबिनेट ने लिया है।
झारखण्ड में कुपोषण से लड़ाई की दिशा में यह फ़ैसला भी महत्वपूर्ण है। मशहूर अर्थशास्त्री ज़्याँ द्रेज जैसे लोग इसकी मांग कर रहे थे। राजनीतिक विश्लेषकों की नज़र में ये फ़ैसले झारखंड की सियासत के लिहाज़ से हेमंत सोरेन सरकार के मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकते हैं।
झारखण्ड के कैबिनेट मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ट्वीट किया, ''स्थानीयता का मामला भी ख़त्म और ओबीसी आरक्षण का भी। अब कोई और मुद्दा बचा क्या। आप नकारात्मक राजनीति करें ... हम सकारात्मक काम करेंगे। जय झारखंड।''
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